मार्गशीर्ष पूर्णिमा व्रत 29 दिसंबर 2020
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हिन्दू महीने मार्गशीर्ष के शुक्ल पक्ष की
पूर्णिमा तिथि को मार्गशीर्ष पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है बत्तीसी पूर्णिमा या
कुर्ला पूर्णिमा इसके दूसरे नाम हैं जिन्हें अक्सर मार्गशीर्ष पूर्णिमा के नाम से
जाना जाता है|
व्रत पूर्णिमा 29 दिसंबर और स्नान दान पूर्णिमा 30 दिसंबर प्रातः 8:57 AM बजे तक|
हिंदू धर्म में मार्गशीर्ष के महीने को दान धर्म
और भक्तों का माह माना जाता है श्रीमद्भागवत गीता में भी भगवान श्रीकृष्ण ने स्वयं
कहा था कि महिनों में मार्गशीर्ष का महीना सबसे पवित्र महीना है पौराणिक मान्यताओं
के अनुसार मार्गशीर्ष माह से ही सत्य काल प्रारंभ हुआ था इस माह में आने वाली
पूर्णिमा को मार्गशीर्ष पूर्णिमा कहते हैं|
इस दिन स्नान दान और व्रत का विशेष महत्व बताया गया
है मार्गशीर्ष महीने में नदी स्नान करना सबसे महत्वपूर्ण माना गया है जिसके चलते
मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन हरिद्वार, बनारस, मथुरा और प्रयागराज आदि जगहों पर
श्रद्धालु पवित्र नदियों में स्नान और जप तप आदि धर्म कर्म करते हैं|
हर महीने की शुक्ल पक्ष की आखिरी तिथि पूर्णिमा तिथि कहलाती है जिसे पूर्णमासी के नाम से भी जाना जाता है ज्योतिष
शास्त्र के अनुसार इस पूर्णिमा की रात को चंद्रमा भी ग्रह की मजबूत स्थिति में
रहता है 2020 में मार्गशीर्ष पूर्णिमा व्रत 29 दिसंबर 2020 को
मनाई जाएगी इसी दिन भगवान दत्तात्रेय जयंती भी मनाई जाती है|
पूर्णिमा तिथि प्रारंभ - 07:53 AM 29/12/2020
पूर्णिमा तिथि समाप्त - 08:57 AM /30/12/2020
मार्गशीर्ष पूर्णिमा व्रत और पूजा विधि
मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन व्रत और पूजन करने से सभी प्रकार की सुखों की प्राप्ति होती है इस दिन भगवान जगत गुरु शिवजी की पूजा अर्चना करने का भी विशेष महत्व है।
मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु जी की
पूजा करने का विधान है इसलिए प्रातः काल उठकर स्नान ध्यान करके भगवान विष्णु जी की
पंचोपचार पूजन और व्रत करना चाहिए|
मार्गशीर्ष पूर्णिमा का धार्मिक महत्व
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार मार्गशीर्ष पूर्णिमा
पर तुलसी की जड़ की मिट्टी से पवित्र नदी सरोवर या कुंड में स्नान करने से भगवान
विष्णु की विशेष कृपा होती है इस दिन किए जाने वाले दान का फल अन्य पूर्णिमा की
तुलना में 32 गुना अधिक मिलता है इसलिए इसे बत्तीसी पूर्णिमा
भी कहा जाता है मार्गशीर्ष पूर्णिमा के शुभ अवसर पर भगवान सत्यनारायण की पूजा व
कथा भी की जाती है यह परम फलदाई बताई गई है कथा के बाद इस दिन सामर्थ्य अनुसार
गरीबों को और ब्राह्मणों को दान दक्षिणा देने से भगवान विष्णु अति प्रसन्न होते हैं|
इसके अलावा पूर्णिमा के दिन भगवान शिव और चंद्र
देव की पूजा अर्चना करने का भी विशेष महत्व माना जाता है भगवान जगतगुरु भोलेनाथ की
पूजा अर्चना इस दिन करने से अनंत गुना फल मिलता है|
मार्गशीर्ष माह में स्नान का महत्व
मार्गशीर्ष माह के संदर्भ में मान्यता है कि इस
महीने में स्नान दान का विशेष महत्व होता है इस माह में नदी का विशेष महत्व माना
गया है जिस प्रकार कार्तिक माह वैशाख आदि महीनों में गंगा स्नान के लिए अति शुभ उत्तम माने गए हैं उसी प्रकार मार्गशीर्ष माह में भी गंगा स्नान का विशेष फल
प्राप्त होता है मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा का आध्यात्मिक महत्व अत्यधिक है इस
दिन व्रत
करते हुए श्री सत्यनारायण भगवान विष्णु की पूजा और कथा की जाती है जो अमोघ फलदाई होती है|
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