कंकण (स्वल्पग्रास) सूर्य ग्रहण 10 जून 2021

कंकण (स्वल्पग्रास) सूर्यग्रहण (10 जून 2021 ई. ज्येष्ठ अमावस, बृहस्पतिवार) यह ग्रहण ज्येष्ठ अमावस, बृहस्पतिवार (10 जून , 2021 ई.) को सुदूर पूर्वोत्तर भारत के केवल अरुणांचल प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में तथा अखण्ड जम्मू - कश्मीर पाक अधिकृत एवं अक्साई चीन में) के कुछ क्षेत्रों में सूर्यास्त के समय स्वल्पग्रास रूप में दिखाई देगा । अत्यल्प ग्रास के कारण यह ग्रहण सामान्यतः भारत दृष्टिग्राह्य नहीं होगा।

ऊपर ग्रहण चित्र (2) में 'A - B' रेखा के पार्श्ववर्ती नगरों में ही इस ग्रहण की खण्डाकृति सूर्यास्त से कुछ मिनट पहिले ही अधिक - से - अधिक 17-18 मिनट के लिए अत्यल्प ग्रास वाली दिखाई देगी। इन क्षेत्रों में इसका ग्रासमान अधिक से अधिक 3 प्रतिशत होगा सिद्धान्त शास्त्रों में कहा गया है कि एक अंगुल अर्थात् 10 प्रतिशत से कम ग्रास वाले ग्रहण की चर्चा पंचांग आदि में नहीं करनी चाहिए - 'ग्रासो नादेश्योऽगुंलाल्यो रवीन्द्वोः क्योंकि ऐसे ग्रहण का स्पर्श - मोक्षकाल अर्थात् ग्रहण कब प्रारम्भ हुआ और कब समाप्त हुआ - यह साधारण जनता के लिए जान सकना कठिन हो सकता है । अपितु इतने अल्प ग्रास को नंगी आँखों / साधारण शीशे से भी देख पाना सम्भव नहीं है , परन्तु आजकल नवीन वैज्ञानिक दूरबीन आदि यन्त्रों से इसे जान पाना अत्यन्त सरल है । T.V. आदि न्यूज़ - चैनलों में कम - से - कम ग्रास को भी जनता को स्पष्टता से दिखा दिया जाता टी.वी. चैनलों पर तो आजकल भारत में न दिखाई देने वाले ग्रहणों का प्रभाव / राशिफल तथा वृथा भय एवं चर्चा दिखाकर लोगों को भ्रमित किया जा रहा है - जोकि शास्त्र मर्यादा विरुद्ध है ।)
भारत के अतिरिक्त दिखाई देने वाले क्षेत्र
यह कंकण सूर्य ग्रहण 10 जून 2021 ई. बृहस्पतिवार को दोपहर भा. स्टैं. टा. अनुसार 13. - 42 मि. से सायं 18 षं . - 41 मि. तक भूगोल पर दिखेगा। यह कंकण ग्रहण यूरोप अधिकतर देशों (दक्षिणी - इटली दक्षिणी रोमानिया, सर्बिया, ग्रीस को छोड़कर), उत्तरी एशिया (अधिकतर चीन, दक्षिणी चीन, नेपाल को छोड़कर), उज़बेकिस्तान, कज़ाकिस्तान आदि देशों, मंगोलिया, रूस , उत्तरी - अमेरिका [ अधिकतर कैनेडा , पूर्वी अमेरिका (वांशिगटन Ontario आदि क्षेत्रों सहित) ] तथा अण्टलांटिक महासागर में दिखाई देगा।
इस ग्रहण की कंकण - आकृति केवल कैनेडा के Nipigon , Ontaria , Quebec Nunavut तथा रुस के Yakutia एवं ग्रीनलैण्ड आदि क्षेत्रों में दिखाई देगी।
न्यूयार्क , वाशिंगटन (U.S.A.) लण्डन ( U.K.) टोरण्टो
, मांट्रियाल (कैनेडा) तथा शेष देशों में तो इसकी
खण्ड - आकृति ही देखी जा सकेगी। भा. स्टैं. टा. अनुसार इसका समय इस प्रकार होगा
भारत में ग्रहण दर्शनीय नहीं होगा।
सूतक प्रारम्भ - लागू नहीं है।
सूतक समाप्त - लागू नहीं है।
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भारती स्टैंडर्ड टाइम अनुसार
ग्रहण प्रारंभ 13 बजकर 42 मिनट
कंकण प्रारंभ 15 बजकर 20 मिनट
ग्रहण मध्य 16 बजकर 12
कंकण समाप्त 17 बजकर 03
ग्रहण समाप्त 18 बजकर 40
भारत के पूर्वी राज्य अरुणाल प्रदेश तथा उत्तरी राज्य जम्मू - काश्मीर के जिन भागों में यह ग्रहण सूर्यास्त के समय थोड़ी देर (अधिक से अधिक 18 मिंट) के लिए अत्यल्प ग्रास के साथ दिखाई देगा , उनका निर्देश यहाँ [ ग्रहण - चित्र (2) में ] चित्र में किया गया है । इस चित्र में दी गई ' A - B ' रेखा से ऊपर या दाईं ओर स्थित इन प्रदेशों के नगरों में यह ग्रहण सूर्यास्त के समय देखा जा सकेगा । इस रेखा से नीचे या बाईं ओर वाले किसी भी स्थान पर अर्थात् शेष भारत में यह ग्रहण दिखाई नहीं देगा । ग्रहण का सूतक - जिस क्षेत्र में (A - B ' रेखा से ऊपर) यह ग्रस्तास्त सूर्यग्रहण दिखाई देगा , केवल वहाँ इस ग्रहण के सूतक का विचार होगा तथा यह 10 जून की प्रातः . - 54 मि . से प्रारम्भ होगा ।
सूर्य ग्रहण में गर्भवती महिलाएं इन बातों का रखें विशेष ध्यान

सूर्य ग्रहण के वक्त गर्भवती महिलाओं को कुछ विशेष बातों का खास ख्याल रखना चाहिए, नहीं तो, इस दौरान लापरवाही बरतने पर शिशु के स्वास्थ्य को नुकसान हो सकता है।
1. मान्यता है कि सूर्य ग्रहण गर्भवती महिलाओं के लिए अशुभ प्रभाव वाला देने वाला होता है, इसलिए ग्रहण की अवधि में इनको घर में रहने की सलाह दी जाती है।
2. सूर्य ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को सब्जी काटना, कपड़े सीना आदि कार्यों में धारदार उपकरणों का उपयोग करने से बचना चाहिए। इससे गर्भस्थ शिशु को शारीरिक दोष हो सकता है।
3. सूर्य ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को सोना, खाना पकाना और सजना-संवरना नहीं चाहिए।
4. सूर्य ग्रहण के नकारात्मक प्रभाव से बचने के लिए गर्भवती महिला को तुलसी का पत्ता जीभ पर रखकर हनुमान चालीसा और दुर्गा स्तुति का पाठ करना चाहिए।
5. इस दौरान देव मंत्रों के उच्चारण से भी ग्रहण के दुष्प्रभाव से रक्षा होती है।
6. सूर्य ग्रहण की समाप्ति के बाद गर्भवती महिला को पवित्र जल से स्नान करना चाहिए, नहीं तो उसके शिशु को त्वचा संबधी रोग होने की आशंका होती है।
7. सूर्य ग्रहण के दौरान मानसिक रूप से मंत्र जाप का बड़ा महत्व है। गर्भवती महिलाएं इस दौरान मंत्र जाप कर अपनी रक्षा कर सकती है। इससे स्वयं के और गर्भस्थ शिशु के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर सकारात्मक और उत्तम असर पड़ता है।
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