Type Here to Get Search Results !

मेष संक्रांति 14 अप्रैल 2022

मेष संक्रांति 14 अप्रैल 2022

सूर्य के एक राशि से दूसरी राशि में गोचर प्रवेश करता है तो उसे संक्रांति कहा जाता है| जब सूर्य मीन राशि से मेष राशि में प्रवेश करता है तो उसे मेष संक्रांति कहा जाता है सूर्य प्रत्येक महीने एक राशि से दूसरी राशि में गोचर करता है इस तरह 1 साल में 12 संक्रांति होती है। 

शास्त्रों के अनुसार मेष संक्रांति के दिन स्नान दान का विशेष महत्व होता है मेष संक्रांति के दिन अन्न दान करने का भी शास्त्रों में विशेष महत्व बताया गया है इस समय वैशाख महीने की प्रवृत्ति होती है मेष संक्रांति के दिन है सूर्य देव उत्तरायण की यात्रा को पूर्ण करते हैं भारत में अलग-अलग जगहों पर भी संक्रांति को भिन्न-भिन्न नामों से जाना जाता है जैसे बंगाल में रहने वाले लोग में संक्रांति को नए साल के रूप में हर्ष उल्लास के साथ मनाते हैं मेष संक्रांति के दिन धर्मघाट का दान स्नान तिल द्वारा पितरों का तर्पण आदि किया जाता है इस दिन मधुसूदन भगवान की पूजा करना महत्वपूर्ण माना जाता है शास्त्रों में यह भी बताया गया है कि मेष संक्रांति के पुण्य काल में स्नान, दान और पितरों का तर्पण करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है मेष संक्रांति के दिन सूर्य देव की पूजा अर्चना करने के साथ गुड़ और सत्तू खाने का प्रचलन चला आ रहा है बिहार राज्य में मेष संक्रांति के दिन सतुवा के रूप में मनाया जाता है। 

मेष संक्रांति पर शुभ कार्यों की हो जाती है शुरुआत

मीन संक्रांति से खरमास होने के कारण मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाती है इसलिए जब सूर्य मेष राशि में प्रवेश करते है तो खरमास खत्म हो जाता है जिससे शुभ कार्यों की शुरुआत हो जाती है इस दौरान विवाह, नामकरण, ग्रह प्रवेश जैसे शुभ कार्य किए जा सकते हैं। 

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

Top Post Ad

Below Post Ad