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उत्तराखंड में दीवाली के 11 वें दिन मनाया जाता है इगास पर्व

उत्तराखंड :- इगास पर्व 

उत्तराखंड,  दिवाली के 11 वें दिन 23 नवंबर 2023 को मनाया जाएगा इगास पर्व

उत्तराखंड के गढ़वाल क्षेत्र में सदियों से ही दीपावली बग्वाल के रूप में मनाया जाता है, और दिवाली के ठीक 11 वें दिन बाद आने वाली हरिप्रबोधिनी एकादशी को इगास मनाने की परंपरा चली आ रही है उत्तराखंड की लोक संस्कृति से जुड़े इस पर्व के दिन सुबह मीठे पकवान बनाए जाते हैं, और रात में स्थानी देवी देवताओं की पूजा अर्चना के बाद भैला जलाकर उसे घुमाया जाता है, और ढोल नगाड़ा इत्यादि वाद्य यंत्रों के साथ आग के चारों और लोक नृत्य किया जाता है दिवाली के 11 वें दिन इगास पर्व मनाने के पीछे कई पौराणिक कथा प्रचलित हैं

इस वर्ष यह "इगास" पर्व 23 नवंबर 2023 को मनाया जाएगा

 

लोक मान्यता है कि जब भगवान श्री राम 14 वर्ष बाद लंका पर विजय प्राप्त करके अयोध्या पहुंचे तो अयोध्या वासियों ने श्री राम जी के आगमन पर दीए जलाकर उनका स्वागत किया और उसे दिवाली के त्यौहार के रूप में प्रतिवर्ष मनाया जाने लगा कहा जाता है कि गढ़वाल क्षेत्र में लोगों को श्री रामजी की अयोध्या आने की जानकारी 11 वें दिन बाद मिली इसलिए गढ़वाल क्षेत्र में दिवाली के 11 दिन बाद यह इगास मनाई जाती है

 

सबसे प्रचलित मान्यताओं के अनुसार गढ़वाल के भड़ माधव सिंह भंडारी टिहरी के राजा महिपति शाह की सेना के सेनापति थे करीब 400 साल पहले राजा ने माधव सिंह को सेना लेकर तिब्बत से युद्ध करने के लिए भेजा इसी बीच दिवाली (बग्वाल) का त्यौहार भी था परंतु इस त्यौहार तक कोई भी सैनिक वापस ना आ सका सबने सोचा माधव सिंह और उनके सैनिक युद्ध में शहीद हो गए इसलिए किसी ने भी दिवाली (बग्वाल) नहीं बनाई लेकिन दिवाली के ठीक 11 दिन माधव सिंह भंडारी अपने सैनिकों के साथ तिब्बत से युद्ध जीतकर वापस लौट आए इसी खुशी में इगास पर्व मनाया जाने लगा


उत्तराखंड के लोकपर्व इगास-बग्वाल को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राजकीय अवकाश की घोषणा की है। यह दूसरा मौक़ा होगा जब उत्तराखंड में लोकपर्व इगास को लेकर अवकाश घोषित किया गया है। इससे पूर्व पिछले साल भी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा इगास बग्वाल पर राजकीय अवकाश की घोषणा की गई थी।


 आचार्य दिनेश पाण्डेय (मुम्बई & उत्तराखण्ड)


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