वृश्चिक संक्रांति 17 नवंबर 2023
संक्रान्ति का अर्थ है सूर्य का एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करना। जब सूर्य तुला राशि से निकलकर वृश्चिक राशि में प्रवेश करते हैं तो उसे वृश्चिक संक्रांति कहा जाता है। इस वर्ष सूर्य देव 17 नवंबर 2023 को सूर्य तुला राशि से निकल कर वृश्चिक राशि में प्रवेश करेंगे।
संक्रांति के दिन दान पुण्य का खास महत्व होता है। 17 नवंबर 2023 को वृश्चिक संक्रांति का पुण्यकाल 06:37 AM से 11:56 AM है. इस वक्त में दान-पुण्य करने से व्यक्ति के सभी दुखों और कष्टों का अंत हो जाता है इसलिए इस इसदिन गरीब लोगों को भोजन, वस्त्र आदि दान करना चाहिए। संक्रांति के दिन पूजा-अर्चना करने के बाद गुड़ और तिल का प्रसाद बांटा जाता है। मान्यता के अनुसार वृश्चिक संक्रांति के दिन गाय दान करना सबसे बड़ा पुण्य माना गया है।
संक्रांति के दिन तीर्थों में स्नान का भी खास महत्व होता है। संक्रांति, पूर्णिमा, ग्रहण और अमावस्या जैसे दिनों में गंगा स्नान को महापुण्यदायक माना जाता है। ऐसा करने पर व्यक्ति को ब्रह्मलोक की प्राप्ति होती है। देवीपुराण में यह कहा गया है- जो व्यक्ति संक्रांति के पावन पवित्र दिनों पर भी स्नान नहीं करता वह सात जन्मों तक बीमार और निर्धन रहता है।
आचार्य दिनेश पाण्डेय (मुम्बई & उत्तराखण्ड)
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