पत्थरचट्टा आयुर्वेदिक औषधीय पौधा
पत्थरचट्टा (Bryophyllum pinnatum), जिसे आम भाषा में पथरचूटा या किडनी स्टोन प्लांट भी कहा जाता है, एक बहुमूल्य औषधीय पौधा है। यह एक ऐसी औषधि के रूप में जाना जाता है जो किडनी या गुर्दे की पथरी जैसी गंभीर समस्या में अत्यधिक लाभकारी साबित होती है। आयुर्वेद में पत्थरचट्टा का विशेष महत्व है और इसके पत्तों का उपयोग विशेष रूप से पेट की पथरी (गुर्दे की पथरी) के इलाज में किया जाता है।
पत्थरचट्टा का परिचय
पत्थरचट्टा का पौधा मुख्य रूप से भारत, नेपाल, भूटान, श्रीलंका, और अन्य उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में पाया जाता है। यह अपने अद्वितीय गुणों के कारण पारंपरिक औषधीय उपयोगों में विशेष स्थान रखता है। इसकी पत्तियाँ मोटी, रसयुक्त और हरे रंग की होती हैं। इस पौधे की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसके पत्तों से नए पौधे भी उगते हैं। पत्थरचट्टा को न केवल गुर्दे की पथरी के उपचार में, बल्कि विभिन्न अन्य बीमारियों के लिए भी आयुर्वेदिक औषधि के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।
पत्थरचट्टा के औषधीय गुण
पत्थरचट्टा में अनेक प्रकार के औषधीय गुण पाए जाते हैं, जो इसे एक चमत्कारी पौधा बनाते हैं। इसमें एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीबैक्टीरियल, और एंटीफंगल गुण होते हैं। पत्थरचट्टा का उपयोग न केवल पथरी के लिए बल्कि अन्य समस्याओं जैसे बुखार, घाव, अल्सर, त्वचा रोग, बवासीर और पेट के दर्द के उपचार में भी किया जाता है। पत्थरचट्टा के पत्तों में कैल्शियम ऑक्सालेट को घुलनशील बनाने की क्षमता होती है, जिससे गुर्दे की पथरी को गलाने में मदद मिलती है।
पत्थरचट्टा पत्ते और पथरी का इलाज
गुर्दे की पथरी एक बहुत ही कष्टकारी समस्या है, जो तब उत्पन्न होती है जब गुर्दे में खनिजों का संचय होता है और वे कठोर होकर पथरी का रूप ले लेते हैं। पत्थरचट्टा के पत्तों का रस या पत्तों का सेवन गुर्दे की पथरी को गलाने और इसे शरीर से बाहर निकालने में मदद करता है। पत्थरचट्टा पत्तों में मौजूद तत्व मूत्रवर्धक होते हैं, जो शरीर में जल की मात्रा को संतुलित करते हैं और पथरी को मूत्र के रास्ते बाहर करने में सहायक होते हैं। इसके अलावा, पत्थरचट्टा की पत्तियों में कैल्शियम ऑक्सालेट जैसे यौगिकों को घोलने की क्षमता होती है, जो किडनी में पथरी बनने का मुख्य कारण होते हैं।
पत्थरचट्टा का उपयोग कैसे करें?
पत्थरचट्टा के पत्तों का उपयोग करने के कई तरीके हैं जो पथरी के इलाज में लाभकारी माने गए हैं। यहाँ कुछ प्रमुख विधियाँ हैं:
पत्थरचट्टा के पत्तों का रस: पत्थरचट्टा के पत्तों को धोकर पीस लें और इसका रस निकाल लें। हर रोज सुबह खाली पेट इस रस का सेवन करने से पथरी धीरे-धीरे गलने लगती है और मूत्र के माध्यम से बाहर निकलने लगती है।
पत्थरचट्टा की पत्तियाँ चबाना: यदि पत्थरचट्टा के पत्तों का रस पीना संभव न हो, तो रोजाना ताज़े पत्तों को चबाकर खाने से भी पथरी के इलाज में सहायता मिलती है। इस उपाय से गुर्दे की पथरी को घोलने में मदद मिलती है और पथरी छोटे टुकड़ों में विभाजित होकर मूत्र के माध्यम से बाहर निकल जाती है।
पत्थरचट्टा का काढ़ा: पत्थरचट्टा की कुछ पत्तियाँ लें, इन्हें अच्छे से धोकर छोटे टुकड़ों में काट लें। फिर एक कप पानी में इन्हें उबालें और काढ़ा बना लें। इस काढ़े का सेवन दिन में दो बार करने से पथरी की समस्या में राहत मिलती है।
अन्य औषधियों के साथ प्रयोग: पत्थरचट्टा का सेवन कुछ अन्य आयुर्वेदिक औषधियों के साथ भी किया जा सकता है, जैसे कि पुनर्नवा, गोखरू, और वरुण। ये सभी औषधियाँ मिलकर पथरी के प्रभाव को कम करने और इसे शरीर से बाहर निकालने में सहायक होती हैं।
पत्थरचट्टा के अन्य औषधीय लाभ
पत्थरचट्टा न केवल पथरी के इलाज के लिए बल्कि विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं के लिए भी उपयोगी होता है:
बुखार और संक्रमण: पत्थरचट्टा में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल गुण होते हैं, जो बुखार और अन्य संक्रमणों से बचाव में सहायक होते हैं।
घाव भरने में सहायक: पत्थरचट्टा का रस घावों पर लगाने से उन्हें जल्दी भरने में मदद मिलती है। यह त्वचा की कोशिकाओं को पुनः जीवित करता है और त्वचा को स्वस्थ बनाए रखता है।
पेट के अल्सर: पत्थरचट्टा का सेवन पेट के अल्सर के इलाज में भी सहायक माना जाता है। इसका रस पेट की अम्लता को कम करता है और अल्सर के उपचार में मददगार होता है।
त्वचा रोगों में लाभकारी: पत्थरचट्टा का उपयोग विभिन्न त्वचा रोगों, जैसे एक्जिमा, फोड़े-फुंसियों, और जलन को ठीक करने में किया जाता है। इसकी पत्तियों का रस त्वचा पर लगाने से संक्रमण कम होता है और त्वचा के घाव भी जल्दी भरते हैं।
सूजन कम करना: पत्थरचट्टा में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जिससे सूजन को कम करने में मदद मिलती है। इसका उपयोग जोड़ो के दर्द और गठिया के उपचार में भी किया जाता है।
पत्थरचट्टा का वैज्ञानिक दृष्टिकोण
वैज्ञानिक दृष्टि से भी पत्थरचट्टा पर किए गए अनुसंधानों में इसके पथरी और अन्य समस्याओं के उपचार में लाभकारी होने की पुष्टि की गई है। कुछ अध्ययनों के अनुसार, पत्थरचट्टा के पत्तों में कई प्रकार के यौगिक होते हैं, जो गुर्दे की पथरी को घोलने में मददगार होते हैं। इसके अलावा, इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट तत्व शरीर में मुक्त कणों को निष्क्रिय करने और कोशिकाओं को स्वस्थ बनाए रखने में सहायक होते हैं।
पत्थरचट्टा का सेवन करते समय सावधानियाँ
हालांकि पत्थरचट्टा एक प्राकृतिक औषधि है, लेकिन इसका सेवन करने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना आवश्यक है:
मात्रा का ध्यान रखें: पत्थरचट्टा का अधिक मात्रा में सेवन नुकसानदेह हो सकता है। इसलिए चिकित्सक या आयुर्वेद विशेषज्ञ की सलाह अनुसार ही इसका सेवन करना चाहिए।
गर्भवती महिलाएँ: गर्भवती महिलाओं को पत्थरचट्टा का सेवन करने से बचना चाहिए, क्योंकि इसके प्रभावों के बारे में पूरी जानकारी नहीं है और यह गर्भावस्था पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है।
बच्चों में उपयोग: बच्चों को पत्थरचट्टा का सेवन बिना चिकित्सकीय परामर्श के नहीं करवाना चाहिए।
लंबे समय तक सेवन: पत्थरचट्टा का लंबे समय तक सेवन करने से पहले स्वास्थ्य विशेषज्ञ से परामर्श करना चाहिए, क्योंकि इसके दीर्घकालिक प्रभावों के बारे में अधिक जानकारी उपलब्ध नहीं है।
निष्कर्ष
पत्थरचट्टा एक अत्यंत उपयोगी और लाभकारी औषधीय पौधा है, जो गुर्दे की पथरी के इलाज में विशेष रूप से लाभकारी साबित होता है। इसके पत्तों का रस, काढ़ा, या पत्तों का सेवन पथरी को गलाने में सहायता करता है और इसे मूत्र के माध्यम से शरीर से बाहर निकालने में सहायक होता है। इसके अलावा पत्थरचट्टा का उपयोग अन्य कई समस्याओं के इलाज में भी किया जाता है, जिससे यह एक अद्भुत आयुर्वेदिक औषधि के रूप में प्रचलित है। आयुर्वेद में इस पौधे का महत्व न केवल पथरी के इलाज तक सीमित है, बल्कि यह अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के लिए भी लाभकारी है।
आचार्य दिनेश पाण्डेय शास्त्री (मुम्बई & उत्तराखण्ड)
👉 "पूजा पाठ, ग्रह अनुष्ठान, शादी विवाह, पार्थिव शिव पूजन, रुद्राभिषेक, ग्रह प्रवेश, वास्तु शांति, पितृदोष, कालसर्पदोष निवारण इत्यादि के लिए सम्पर्क करें वैदिक ब्राह्मण ज्योतिषाचार्य दिनेश पाण्डेय शास्त्री जी से मोबाइल नम्वर -
+91 9410305042
+91 9411315042
👉 भारतीय हिन्दू त्यौहारों से सम्बन्धित लैटस्ट अपडेट पाने के लिए -
"शिव शक्ति ज्योतिष केन्द्र" व्हाट्सप्प ग्रुप जॉइन करें - यहां क्लिक करें।
"शिव शक्ति ज्योतिष केन्द्र" व्हाट्सप्प चैनल फॉलो करें - यहां क्लिक करें।
आपकी अमूल्य टिप्पणियों हमें उत्साह और ऊर्जा प्रदान करती हैं आपके विचारों और मार्गदर्शन का हम सदैव स्वागत करते हैं, कृपया एक टिप्पणी जरूर लिखें :-