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श्रावण माह में कर्क संक्रांति का विशेष महत्व




श्रावण कर्क संक्रांति- 16 जुलाई को प्रातः 10 घं 40 मिनट पर कन्या लग्न में प्रवेश करेगी इस संक्रांति का पुण्य काल सूर्योदय बाद से सायं 17 घं 10 मिनट तक रहेगा| वाराह अनुसार नंदा तथा नक्षत्रानुसार मिश्रा नामक यह संक्रांति ब्राह्मणों तथा पशुओं के लिए सुख कर रहेगी| संक्रांति कुंडली में सूर्य शनि मध्य समसप्तक दृष्टि संबंध तथा मंगल पर शनि की दृष्टि रहने से कहीं प्राकृतिक आपदाओं एवं कहीं दुर्भिक्ष आदि के कारण महंगाई में वृद्धि तथा राजनेताओं में परस्पर वाद-विवाद रहेगा| किसी नेता के अपदस्थ या मृत्यु का समाचार भी मिल सकता है| केंद्रीय सरकार के मंत्रिमंडल में परिवर्तन एवं उलटफेर के संकेत दिखते हैं| यद्यपि गुरुवार की संक्रांति होने से देश में धर्म-कर्म का आचरण बढ़ेगा देश में धान्य आदि अनाज की पैदावार अच्छी होगी तथा लोगों में सुख साधनों का विस्तार होगा|

"उत्तराखंड में इस संक्रांति को हरेला के नाम से भी जाना जाता है"
संक्रांति राशिफल- वृष, कर्क, कन्या, तुला, वृश्चिक, मकर तथा शनि, मीन राशि वाले जातकों के लिए लाभकारी रहेगी|
आकाश में लक्षण- पक्ष में भारत के उत्तर पूर्वी तथा उत्तरी राज्य में कहीं बहुत अधिक वर्षा से बाढ़ तथा कहीं अल्प वर्षा से दुर्भिक्ष की स्थिति बनी रहेगी|
विशेष- इसी दिन यानी 16 जुलाई 2020 को कामिका एकादशी का व्रत भी रहेगा|

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