शरद पूर्णिमा 30 अक्तूबर 2020 व्रत निर्णय
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| purnima 2020 |
शिव शक्ति ज्योतिष कार्यालय (पंजीकृत) आधिकारिक ऑफीशियली शरद पूर्णिमा व्रत निर्णय। प्रदोष और निशीथ में होने वाली ( व्याप्त ) आश्विन - पूर्णिमा में शरद् - पूर्णिमा व कोजागर व्रत किया जाता है। इस वर्ष आश्विन पूर्णिमा 30 अक्तूबर 2020 को लगभग पूर्णतया 17 चं . - 46 मि . बाद प्रदोष तथा निशीथ ( अर्द्धरात्रि ) काल को व्याप्त कर रही है । इस प्रकार हमें प्रदोष और निशीथ - उभयव्यापिनी आश्विन पूर्णिमा प्राप्त हो रही है। 31 अक्तूबर 2020 को यह केवल प्रदोषकाल को स्पर्श कर रही है।
अतः 30 अक्तूबर 2020 को ही ये दोनों व्रत, पर्व एवं पूजन
होंगे। जो शास्त्र सम्मत मान्य है। शरद् - पूर्णिमा
की रात्रि में चन्द्रमा की चांदनी में अमृत का निवास रहता है इसलिए चंद्रमा की
किरणों से अमृत और आरोग्य की प्राप्ति होती है।
30 अक्टूबर
2020, शुक्रवार
आश्विन
पूर्णिमा व्रत
आश्विन, शुक्ल शरद पूर्णिमा
प्रारम्भ - 05:44 PM, 30
अक्टूबर 2020
समाप्त - 08:18 PM, 31
अक्टूबर 2020
अश्विन मास के शुक्ल पक्ष
की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है इसे कोजागिरी पूर्णिमा, रास पूर्णिमा या
कौमुदी व्रत भी कहा जाता है शरद पूर्णिमा के सायं काल खीर बनाई जाती है और उसे
पूरी रात खुले आसमान के नीचे रख दिया जाता है फल स्वरूप यह खीर अमृत के समान हो
जाती है लेकिन आपको जानकर आश्चर्य होगा कि खुले आसमान के नीचे रखी जाने वाली इस
खीर को खाने से सभी रोगों से मुक्ति मिल जाती है ऐसा माना जाता है कि इस शरद
पूर्णिमा रात चांद अपनी सभी 16 कलाओं से भरा होता है, जिस वजह से चांद रात 12 बजे धरती पर अमृत बरसाता है इसी अमृत को प्रसाद के तौर पर
ग्रहण करने के लिए रात को चांद की रोशनी में खीर को रख दिया जाता है और रात के 12 बजे बाद खीर को
उठाकर प्रसाद के रुप में ग्रहण की जाती है जिसके फल स्वरुप हमें सभी रोगों से मुक्ति
मिल जाती है|






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