
चैत्र नवरात्रि 2 अप्रैल 2022 से प्रारंभ
हिंदू धर्म में चैत्र नवरात्रि का विशेष महत्व होता है हिंदू नव वर्ष शिवविंशति नल नामक नया विक्रमी संवत् 2079 शुरू होगा इसी के साथ ही चैत्र नवरात्रि 2 अप्रैल 2022 से प्रारंभ हो रही है इसी दिन ही परम पिता ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना की थी इस दौरान मां दुर्गा जी के नौ रूपों की विधि विधान से पूजा अर्चना की जाती है।
इस बार माता का आगमन घोड़े पर होने जा रहा है जिसे देवी भागवत महापुराण में राष्ट्रीय हित के लिए अति उत्तम माना गया है
हिंदू नव वर्ष चैत्र नवरात्रि में घोड़े पर आएंगी माता
देवी भागवत महापुराण के अनुसार जब नवरात्रि का आरंभ मंगलवार या शनिवार के दिन होता है तब माता का वाहन घोड़ा होता है सोमवार और रविवार के दिन नवरात्रि का प्रारंभ होने से माता का वाहन हाथी होता है गुरुवार और शुक्रवार के दिन नवरात्रि का आरंभ होने से माता भगवती डोली पर आती है और बुधवार को नवरात्रि प्रारंभ होने से माता भगवती नाव पर आती है।
चैत्र नवरात्रि मैं भैंस पर बैठकर वापस प्रस्थान करेंगे माता
जगत जननी जगदंबा मां भगवती के सभी वाहनों का आगमन और गमन का अलग-अलग शास्त्रों में वर्णन मिलता है जिस दिन नवरात्रि संपन्न होती है उस दिन के अनुसार देवी माता भगवती का अलग-अलग वाहन माना जाता है शनिवार और मंगलवार को नवरात्रि संपन्न होने से माता बिना किसी वाहन की पैदल ही प्रस्थान करती हैं देवी का पैदल वापस जाना शुभ नहीं माना जाता है बुधवार और शुक्रवार के दिन नवरात्रि संपन्न होने से माता भगवती हाथी पर प्रस्थान करती हैं जिसे शुभ माना जाता है बरसात और खूब फसल होने का बहुत अच्छा सूचक माना जाता है गुरुवार को नवरात्रि संपन्न होने से माता भगवती का वाहन मनुष्य माना जाता है यानी माता भगवती मनुष्य के कंधे पर सवार होकर जाती हैं और रविवार वह सोमवार के दिन नवरात्रि संपन्न होने से माता भगवती भैंस पर सवार होकर जाती है भैंस पर देवी की वापसी को बहुत ही अशुभ माना जाता है।
चैत्र नवरात्रि में माता देविका आगमन और प्रस्थान
इस बार चैत्र नवरात्रि पर माता भगवती घोड़े पर सवार होकर आ रहे हैं और भैंस पर सवार होकर प्रस्थान करेंगे देवी का आगमन और गमन दोनों ही प्रतिकूल फलदाई होती है ऐसे में कई सत्ताधारी पार्टियों नेताओं को अपनी सत्ता गंवानी पड़ सकती है सरकार के मंत्रिमंडल में उथल-पुथल बदलाव के योग बन रहे हैं प्राकृतिक आपदा और रोग से जनधन की हानि होने की संभावनाएं दिखाई देती हैं।
हिंदू नव वर्ष 2 अप्रैल 2022 से शिवविंशति 'नल' नामक नया विक्रमी संवत् 2079 शुरू होगा है इसी दिन परम पिता ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना की थी। नव संवत् का राजा 'शनि' तथा मन्त्री 'बृहस्पति' होगा। यद्यपि केन्द्रीय सरकार लोकहितार्थ अनेक बहुमुखी योजनाएं बनाएगी, परन्तु विपरीत जलवायु, प्राकृतिक प्रकोपों के कारण दुर्भिक्ष - जन्य परिस्थितियां बनेंगी । सरकार की गलत तथा दोषपूर्ण नीतियों के कारण स्थिति अधिक विकट बनेगी । लोगों में असुरक्षा की भावना, क्लिष्ट रोग , महँगाई एवं आर्थिक अस्थिरता के कारण परेशान रहें । कुछ राज्यों में मारकाट , दंगा , विस्फोट व जनहानि हो । बच्चों में रोगादि फैलने से विशेष हड़कम्प मचेगा।
चैत्र नवरात्रि घट स्थापना मुहूर्त 2 अप्रैल 2022
घट स्थापना मुहूर्त
6:00 AM से 8:31 AM तक
घटस्थापना अभिजीत मुहूर्त
11:50AM से 12:40 PM तक
चैत्र नवरात्रि तिथियां 2022
2 अप्रैल प्रतिपदा तिथि मां शैलपुत्री
3 अप्रैल द्वितीय तिथि मां ब्रह्मचारिणी
4 अप्रैल तृतीया तिथि मां चंद्रघंटा
5 अप्रैल चतुर्थी तिथि मां कुष्मांडा
6 अप्रैल पंचमी तिथि मां स्कंदमाता
7 अप्रैल षष्ठी तिथि मां कात्यायनी
8 अप्रैल सप्तमी तिथि मां कालरात्रि
9 अप्रैल अष्टमी तिथि मां महागौरी
10 अप्रैल नवमी तिथि मां सिद्धिदात्री
11 अप्रैल दशमी तिथि नवरात्र व्रत पारायण





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