निर्जला एकादशी व्रत ज्येष्ठ शुक्ल एकादशी- 10/11 जून 2022, (शास्त्रीय निर्णय)

इस वर्ष ज्येष्ठ शुक्ल द्वादशी का क्षय हुआ है । इस स्थिति में धर्मशास्त्र के र निर्णयानुसार स्मार्त्त - गृहस्थी लोगों की पहिली दशमीविद्धा एकादशी वाले दिन 10 जून , क 2022 ई . को तथा वैष्णवों (संन्यासी, विधवा - स्त्री, वानप्रस्थ और वैष्णव सम्प्रदाय वाले) को 11 जून , 2022 ई . के दिन उपवास करना चाहिए । यहाँ आगे स्पष्टीकरण कर रहे हैं-
'धर्मसिन्धुकार' अनुसार एकादशी तिथि मुख्यतः दो प्रकार की होती है- (i) विद्धा और (ii) शुद्धा।
(i) सूर्योदयकाल में दशमी का वेध हो अथवा अरुणोदयकाल (सूर्योदय से लगभग 4 घड़ी पूर्व) में एकादशी तिथि दशमी द्वारा विद्धा हो, तो वह (एकादशी) विद्धा कहलाती है।
(ii) अरुणोदयकाल में दशमी - तिथि के वेध से रहित एकादशी शुद्धा मानी जाती है।
प्राय : सभी शास्त्रों में दशमी से युक्त एकादशी का व्रत करने का निषेध माना गया। परन्तु द्वादशी का क्षय हो जाने पर स्मात्तों ( गृहस्थियों ) को दशमीयुता एवं वैष्णव । सम्प्रदाय वालों को द्वादशी - त्रयोदशीयुता एकादशी के दिन व्रत करना चाहिए ।
पद्मपुराण अनुसार भी-
एकादशी द्वादशी च रात्रिशेषे त्रयोदशी।
उपवासं न कुर्वीत पुत्रपौत्रसमन्वितः ॥
'उपरोक्त प्रमाणानुसार 11, 12, 13 तिथियों से मिश्रित दिन में स्मात (गृहस्थियों) के व्रत का निषेध और वैष्णवों के व्रत का विधान है। धर्मसिन्धुकार अनुसार भी
'.......एवं विद्धा एकादशी मात्राधिक्यवती ।
अत्रोभयत्रापि स्मार्तानां गृहिणां पूर्वोपोष्या । '
अतएव धर्मशास्त्रों में सूर्योदयवेधवती दशमी के दिन स्मार्त्ती को व्रत करने की आज्ञा दी है जोकि कण्वस्मृति के सामान्य नियम 'उदयोपरि विद्धा तु दशम्यैकादशी यदि। दानवेभ्यः प्रीणनार्थं दत्तवान् पाकशासनः ।' के बिल्कुल विरुद्ध है । परन्तु शास्त्रों में स्मार्ती के लिए त्रयोदशी में पारणा भी सर्वथा वर्जित मानी गई है । यदि द्वादशी तिथि के क्षय की स्थिति में स्मार्त्तो ( गृहस्थियों ) तथा वैष्णवों का व्रत एक ही दिन कर दिया । जाए स्मार्त्तो को भी व्रत की पारणा त्रयोदशी में करनी पड़ेगी।
इसीलिए निर्णयसिन्धु में 'ऋष्यश्रृंग' ने अन्य विकल्प के अभाव में स्मात्त को दशमीयुता एकादशी में व्रत करने की अनुमति दी है -
'पारणाहे न लभ्येत द्वादशी कलयाऽपि चेत् ।
तदानीं दशमीविद्धाऽपि उपोष्यै - एकादशी तिथिः ।।'
इस प्रकार उपरोक्त शास्त्र चर्चा से पाठक समझ गए होंगे कि इस वर्ष एकादशी | द्वादशी- त्रयोदशी - इन तिथियों का एकत्र (एक ही वार में) संगम होने के कारण स्मात्तों का 'निर्जला एकादशी व्रत' विशेष नियमानुसार 10 जून , 2022 ई . को सूर्योदय - वेधवती दशमी के दिन शुक्रवार को होगा । जबकि वैष्णवों का व्रत 11 जून , शनिवार 2022 ई . को होगा।
निष्कर्ष :- अतः 10 जून 2022 को एकादशी व्रत स्मात्तों (गृहस्थियों) के लिए रहेगा। और वैष्णवों (संन्यासी, विधवा - स्त्री, वानप्रस्थ और वैष्णव सम्प्रदाय वाले) का व्रत 11 जून 2022 को रहेगा।
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