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भाद्रपद पूर्णिमा उमा महेश्वर व्रत 10 सितंबर 2022

 

भाद्रपद पूर्णिमा उमा महेश्वर व्रत

भारतीय हिंदू पंचांग के अनुसार भाद्रपद माह के पूर्णिमा तिथि के दिन उमा महेश्वर का व्रत रखा जाता है। इस दिन उमा जगत जननी मां शक्ति स्वरूपा पार्वती और महेश्वर जगतगुरु भगवान भोलेनाथ की पूजा आराधना की जाती है। यह व्रत सभी व्रतों में सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। उमा महेश्वर का व्रत व पूजन करने से व्यक्ति को उसके पूर्व जन्म के पाप, श्राप और दोषों से मुक्ति मिल जाती है। जिससे वह अपने जीवन को सुखमय आनंद पूर्वक व्यतीत करता है। इस वर्ष उमा महेश्वर का यह व्रत 10 सितंबर 2022 को हर्षोल्लास के साथ रखा जाएगा।

उमा महेश्वर पूजा विधि

इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर चाहिए और स्नान करने के बाद साफ व स्वच्छ वस्त्र पहनें  विशेषकर महिलाएं लाल या मेहरून कलर की साड़ी वस्त्र इत्यादि पहनकर शिवजी की पूजा अर्चना करें सर्वप्रथम शिव जी को जल अर्पित करें तदोपरांत भोले बाबा को चंदन का लेप करें अक्षत चढ़ाएं, सुंदर पुष्प माला पहनाए, सुगंधित द्रव्य अर्पित करें, धूप, दीप दिखाएं, सुंदर व स्वादिष्ट भोजन का भोग लगाएं शिवजी के साथ-साथ ही माता पार्वती जी की भी पूजा अर्चना करें। माता को सुहाग का सभी सामान अर्पित करें तत्पश्चात भोले बाबा की आरती करें पूजा करने के बाद ब्राह्मणों को दान दक्षिणा दें।


उमामहेश्वर व्रत कथा

मत्स्य पुराण के अनुसार एक बार महर्षि दुर्वासा जगतगुरु भोले बाबा के दर्शन कर के लौट ही रहे थे तभी उनकी मुलाकात विष्णु जी से हो गई महर्षि दुर्वासा जी ने भोले बाबा द्वारा दी गई बेल पत्र की माला विष्णु जी को दे दिया। विष्णु जी ने उस माला को स्वयं ना पहनकर गरुड़ के गले में डाल दिया इससे दुर्वासा ऋषि अत्यंत क्रोधित हो गए, और बोले कि भगवन आपने भोले बाबा का अपमान किया है इससे तुम्हारे पास से लक्ष्मी चली जाएगी, और साथ ही तुम्हें शीरसागर से भी हाथ धोना पड़ेगा, शेषनाग भी तुम्हारी सहायता नहीं कर सकेगा।

यह सब सुनकर विष्णु जी ने महर्षि दुर्वासा जी से श्राप से मुक्त होने का उपाय पूछा तब महर्षि दुर्वासा ने बताया कि भगवन आप उमा महेश्वर का व्रत करो इससे आपकी सभी वस्तुएं फिर से पुनः प्राप्त हो जाएगें तब भगवान विष्णु ने उमा महेश्वर का व्रत किया व्रत के फल स्वरुप लक्ष्मी आदि समस्त वस्तुएं भगवान विष्णु को पुनः प्राप्त हो गई।


 आचार्य दिनेश पाण्डेय (मुम्बई & उत्तराखण्ड)


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