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| बिल्ली नाल प्राप्त करने की विधि |
बिल्ली की जेर (नाल) के लाभ और उसको सिद्ध करने की विधि
बिली की ज़ेर का उल्लेख हमारे शास्त्रों और ग्रंथों में मिलता है। इन प्राचीन ग्रंथों के अनुसार इस रहस्यमय वस्तु को प्राप्त करना अभी बहुत कठिन है, यदि इसे ठीक से संरक्षित किया जाए तो यह बहुत उपयोगी है। ऐसा करने के लिए, बिली की ज़ेर को हमेशा सिंदूर (सिंदूर पाउडर) से भरे डिब्बे में रखना चाहिए।
शास्त्रों के अनुसार, जो लोग अपने कैश बॉक्स में बिली की नाल रखते है, वे आर्थिक रूप से बहुत अधिक सुदृंढ होते है । यह रहस्यमय वस्तु बहुत अधिक वित्तीय स्थिरता भी देती है।
प्रिय मित्रों "मार्जारी" बिल्ली को कहते हैं। जब पालतू बिल्ली का "प्रसव काल" निकट हो, उसके लिए रहने और खाने की ऐसी व्यवस्था करें कि वह आपके कमरे में ही रहे। यह कुछ कठिन कार्य नहीं है, प्रेम-पूर्वक पाली गई बिल्लियाँ तो कुर्सी, बिस्तरे और गोद तक में, बराबर मालिक के पास में बैठी रहती हैं। उस पर बराबर निगाह रखें। जिस समय वह बच्चे को जन्म दे रही हो, सावधानी से उसकी रखवाली करें। बच्चों के जन्म के तुरंत बाद ही उसके पेट से "नाल" (झिल्ली) निकलती है और स्वभावत: तुरंत ही उसे बिल्ली खा जाती है। बहुत कम लोग ही उसे प्राप्त कर पाते हैं।
अतः उपाय यह है कि जैसे ही बिल्ली के पेट से नाल बाहर आए, उस पर कपड़ा ढक दें। ढके जाने पर उसे तुरंत खा नहीं सकेगी। चूंकि प्रसव पीड़ा के कारण वह कुछ शिथिल भी रहती है, इसलिए तेजी से झपट नहीं सकती। जैसे भी हो, प्रसव के बाद उसकी "नाल" उठा लेनी चाहिए। फिर उसे धूप में सुखाकर प्रयोजनीय रूप दिया जाता है। धूप में सुखाते समय भी उसकी रखवाली में सर्तकता आवश्यक है। अन्यथा कौआ, चील, कुत्ता आदि कोई भी उसे उठाकर ले जा सकता है। तेज धूप में दो-तीन दिन रखने से वह चमड़े की तरह सूख जाएगी। सूख जाने पर उसके चौकोर टुकड़े (दो या तीन वर्ग इंच के या जैसे भी सुविधा हो) कर लें और उन पर हल्दी या सिंदूर लगाकर रख दें। हल्दी या सिंदूर का चूर्ण अथवा लेप कुछ भी लगाया जा सकता है। इस प्रकार हल्दी या सिंदूर लगाया हुआ "बिल्ली की नाल' का टुकड़ा धन प्राप्ति का अचूक साधन है। "
बिल्ली (मार्जारी) नाल सिद्ध करने की विधि :-
यह तांत्रिक टोटके साधना के लिए किसी शुभ-मुहूर्त में स्नान करके काले कम्बल के आसन पर पवित्र स्थान में बैठ जाएं और हल्दी या सिंदूर लगा हुआ बिल्ली नाल का टुकड़ा बाएँ हाथ में लेकर मुट्टी बंद कर लें और रूपयों अथवा सोने-चांदी आदि के ढेर (प्रयाप्त भंडार) का ध्यान करते हुए 54 बार यह मंत्र पढ़ें - "मर्जबान उल किस्ता" इसके पश्चात् उसे मस्तक से लगाकर अपने सन्दूक, तिजौरी, कैश बॉक्स या जहाँ भी रूपये पैसे या जेबर हों, रख दें। कुछ ही समय बाद आपके घर में आश्चर्यजनक रूप से धन-सम्पत्ति की वृद्धि होने लगेगी, जिससे आप चकित हो उठेगें।
आचार्य दिनेश पाण्डेय (मुम्बई & उत्तराखण्ड)
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