
श्रावण महीने में दो प्रदोष व्रत आते हैं पहला
शुक्ल पक्ष में और दूसरा कृष्ण पक्ष में अत: शिव भक्तों को यह व्रत अवश्य करना
चाहिए। श्रावण माह का पहला प्रदोष व्रत शनिवार 1 अगस्त 2020 को आ रहा है। इस दिन शनिवार आ जाने से यह व्रत शनि प्रदोष के नाम से
जाना जाएगा। इसलिए इसका महत्व और भी अधिक करोड़ों गुना बढ़ जाता है। भोलेनाथ का अतिप्रिय यह व्रत प्रदोष
काल में आरती एवं पूजा की जाति है। संध्या काल के समय
जब सूर्य अस्त हो रहे होते है अर्थात रात्रि का आगमन हो रहा होता है उस समय प्रहर
को प्रदोष काल कहा जाता है। इस प्रदोष काल में
पूजा अर्चना का अनंत कोटि गुना फल मिलता है जो देवताओं के लिए भी अति दुर्लभ है।
➤ शिव भक्तों को प्रदोष व्रत अवश्य करना
चाहिए प्रदोष व्रत करने से मन की सभी अभिलाषायें
निश्चय ही पूर्ण हो जाती हैं।
➤ प्रदोष व्रत करने से संसार के सभी यश
वैभव प्राप्त हो जाते हैं।
➤ प्रदोष व्रत करने वाले को कभी भी अकाल
मृत्यु नहीं होती।
➤ प्रदोष व्रत करने वाले को कभी भी धन
धान्य की कमी नहीं रहती।
➤ प्रदोष व्रत सभी यश वैभव प्रदान करता
है।
➤ प्रदोष व्रत के समान कोई व्रत नहीं।
➤ प्रदोष व्रत करने वाले व्यक्ति को
देखते ही भूत प्रेत पिशाच भाग जाते हैं।
➤ प्रदोष व्रत करने वाला व्यक्ति सूर्य
के समान तेजस्वी हो जाता है।
➤ प्रदोष व्रत करने वाले व्यक्ति के
सामने कभी कोई बाधा नहीं आती स्वतः ही समाप्त हो जाती है।
➤ प्रदोष व्रत करने वाले व्यक्ति को शारीरिक
दुख नहीं झेलने पड़ते हैं।
➤ प्रदोष व्रत की महिमा आदि अनादि अनंत
है।
बहुत सुंदर वर्णन किया है, धन्यवाद पंडितजी
जवाब देंहटाएंमहेश नैलवाल
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