
भाई दूज (यम द्वितीया) 15 नवम्बर 2023
कार्तिक शुक्ल द्वितीया को यमुना ने अपने घर में पूजन करके भाई यम को सत्कार से भोजन कराया था, इसलिए यह तिथि तीनों लोकों में भ्रातृद्वितीया (भाईदूज) या यमद्वितीया नाम से प्रसिद्ध है। शास्त्रानुसार, अपराह्णव्यापिनी कार्तिक शुक्ल द्वितीया के दिन ही भाईदूज (यमद्वितीया) मनाई जाती है। इसदिन अपराह्न काल के समय चित्रगुप्त और यमदूतों सहित यमराज का पूजन और यम के लिए अर्घ्यदान भी दिया जाता है।
अस्यां यमुनास्नान- अपराह्णे चित्रगुप्तयमदूतसहितयमपूजनं यमायार्घ्यदानं च विहितम् ।। अपि च, कार्तिक शुक्ल द्वितीया यमद्वितीया/ भ्रातृद्वितीया सा पूर्वविद्धा अपराह्नव्यापिनी ग्राह्या ।। (व्रतराज)
धर्मसिन्धुकार, भट्टोदीक्षित, स्कन्दपुराणादि अनुसार यदि पहिले ही दिन अपराह्ण व्यापिनी द्वितीया हो तो यह पर्व पहले दिन मनाया जाए और यदि दोनों दिन अपराहण व्यापिनी द्वितीया हो अथवा दोनों दिन न हो, तो अगले दूसरे दिन
'इयं पूर्वेद्युरेवापराह्णव्याप्तौ पूर्वा।
उभयत्र व्याप्त्याव्याप्त्यादि-पक्षांतरेषु परैव।।' (धर्मसिन्धु)
परन्तु 'हेमाद्रि' मत के अनुसार द्वितीया मध्याह्न-व्यापिनी लेनी शुभ होती है क्योंकि भोजनकाल मध्याह्न में होता है।
भोजन कालित्वेन मध्याह्रव्यापिनी ग्राह्येति। परन्तु मध्याह्न-व्यापिनी द्वितीया के | समर्थन में पुराणवाक्य नहीं मिलते। भाई-दूज और यमद्वितीया दोनों भिन्न-भिन्न त्यौहार नहीं हैं-इस दिन बहिनें यमराज, चित्रगुप्त का पूजन, अर्घ्य दान कर, यमुना की प्रसन्नता के लिए अपने एवं भाई के कल्याण एवं दीर्घायु की कामने से भाई को मंगल टीका (तिलक) लगाती हैं। निर्णयसिन्धु में भविष्यपुराण में से लिए निम्न वाक्य यमद्वितीया और भ्रातृद्वितीया- दोनों पर्वों को एक दूसरे से अभिन्न बता रहे हैं-
इसवर्ष कार्तिक शुक्ल द्वितीया तिथि 14 नवम्बर, मंगलवार को 14 बजकर 37 मिनट से 15 बजकर 21 मिनट तक अपराह्ण-काल व्यापिनी है, परन्तु द्वितीया तिथि 15 नवम्बर, बुधवार को मध्याह्न-व्यापिनी तथा 13 बजकर 15 मिनट से 13 बजकर 48 मिनट तक अपराहण व्यापिनी रहेगी।
ध्यान दें, उत्तरी भारत में 14 या 15 नवम्बर को 13 बजकर 15 मिनट से 15 बजकर 21 मिनट तक अपराहण काल रहेगा ।
अतएव उपरोक्त शास्त्र - नियम के अनुसार भाईदूज (यमद्वितीया) का पर्व दूसरे दिन 15 नवम्बर, बुधवार को ही होगा।
आचार्य दिनेश पाण्डेय (मुम्बई & उत्तराखण्ड)
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बहुत सुंदर अति उत्तम जानकारी
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